“ज्योतिर्विद्” पं. हेमन्त रिछारिया, प्रारब्ध ज्योतिष संस्थान
शुक्रवार, 26 सितंबर 2014
आरती
हमारे शास्त्रों में पाँच प्रकार से भगवान की आरती करने का विधान है। जल से भरे शंख द्वारा, साफ वस्त्र के द्वारा, चँवर या पत्तों के द्वारा, पाँच बत्तियों वाले दीपक के द्वारा एवं शाष्टांग दण्डवत के द्वारा।
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