रविवार, 28 सितंबर 2014

भोजन विधान

सर्वप्रथम अपने दाहिनी ओर भूमि पर जल का सिंचन करें फिर निम्न मंत्र बोलकर उस भूमि पर तीन ग्रास  निकालें।
ॐ भूपतये स्वाहा
ॐ भुवनपतये स्वाहा
ॐ भूतानां पतये स्वाहा
तत्पश्चात भोजन मंत्र पढ़ने के उपरान्त निम्न मंत्र बोलकर आचमन करें-
“ॐ अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा”
फिर सर्वप्रथम छोटे-छोटे ५ ग्रास बनाकर निम्न मंत्रों के साथ (बिना बोले) ग्रहण करें-
ॐ प्राणाय स्वाहा
ॐ अपानाय स्वाहा
ॐ व्यानाय स्वाहा
ॐ उदानाय स्वाहा
ॐ समानाय स्वाहा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें