मंगलवार, 4 अक्तूबर 2016

उपनयन संस्कार

हमारे शास्त्रों में ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य को जनेऊ धारण करने का अधिकार है। उपनयन संस्कार के लिए भी विलग-विलग वर्णों के लिए समय निर्धारित है। ब्राह्मणों का उपनयन संस्कार गर्भाधान या जन्म के आठवें वर्ष, क्षत्रिय के लिए गर्भाधान या जन्म के ग्यारवें वर्ष एवं वैश्य के लिए गर्भाधान या जन्म के बारहवें वर्ष में करने का शास्त्र का आदेश है। किसी भी स्थिति में उपनयन संस्कार को गर्भाधान या जन्म के १६ वर्ष के बाद तक स्थगित नहीं किया जाना चाहिए।
-अग्नि पुराण

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