सोमवार, 3 अक्तूबर 2016

युगादि तिथियाँ

शास्त्रों में युगादि तिथियोंका वर्णन इस प्रकार है-
१. सतयुग- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि सतयुग की आदि तिथि बताई गयी है ।
२. त्रेतायुग- वैशाख शुक्ल पक्ष की जो तृतीया है, वह त्रेतायुग की आदि तिथि कही जाती है ।
३. द्वापर युग- माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को द्वापर की आदि तिथि माना गया है।
४. कलियुग- भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी कलियुग की प्रारंभ तिथि कही गयी है ।
ये चार युगादि तिथियाँ है, इनमें किया हुआ दान और होम अक्षय जानना चाहिए । प्रत्येक युग में सौ  वर्षों तक दान करने से जो फल होता है, वह युगादि-काल में एक दिन के दान से प्राप्त हो जाता है ।
-स्कंद पुराण

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